वषन्त हवा
बादल -ये बहती वशांत हवा रुक जा
बिखर न जाए बादल ये घटा
आँखों से पानी गिर जाने दो
कौन जाने ये पल मिले न कभी
किसी की यादो में बहाने को
तरस गई है धरती सारी
अपनी प्यास मिटाने को
चन्द पल की लम्हो में
जिंदगी की एक पल बिताने दो
पिघल रहा मन मोम के भाती
प्रीत रस में डूब जाने दो
हवा - समय की पावंदी है
जीवन इसमें बन्दी हैं
सच्च कहू ये उड़ते बादल
इसमे मेरी बस न चलती है
रुक जाऊ तो सासे रुके
जीवन की मरियादे टूटे
इस धरती की बात निराली
मेरी सबको है जरुरी
रुकू तो सब टूट जाए
और गर्मी बहुत सताय
मंद मंद कर बहलो भाई
हमको एक पल जीने दो भाई
ये बहती वशांत हवा रुक जा
बिखर न जाए बदल ये घटा
आँखों से गिर जाने दो
कौन जाने ये पल मिले न कभी
किसी की यादो में बहाने को
बादल -ये बहती वशांत हवा रुक जा
बिखर न जाए बादल ये घटा
आँखों से पानी गिर जाने दो
कौन जाने ये पल मिले न कभी
किसी की यादो में बहाने को
तरस गई है धरती सारी
अपनी प्यास मिटाने को
चन्द पल की लम्हो में
जिंदगी की एक पल बिताने दो
पिघल रहा मन मोम के भाती
प्रीत रस में डूब जाने दो
हवा - समय की पावंदी है
जीवन इसमें बन्दी हैं
सच्च कहू ये उड़ते बादल
इसमे मेरी बस न चलती है
रुक जाऊ तो सासे रुके
जीवन की मरियादे टूटे
इस धरती की बात निराली
मेरी सबको है जरुरी
रुकू तो सब टूट जाए
और गर्मी बहुत सताय
मंद मंद कर बहलो भाई
हमको एक पल जीने दो भाई
ये बहती वशांत हवा रुक जा
बिखर न जाए बदल ये घटा
आँखों से गिर जाने दो
कौन जाने ये पल मिले न कभी
किसी की यादो में बहाने को
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Badal and vashant hava
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7:43 AM
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