Poem on dil in hindi
दिल चाहता हैं
दिल चाहता है पानी बनकर
मैं तेरी आँखों में बस जाऊ
दिल चाहता है अवाज बनकर
मैं तेरी सुरों में गूँज जाऊ,
कभी दिल चाहता है सूरज बनकर
मैं तेरी बदल सी, काली जुल्फो में खो जाऊ
अतिम सुकून मिलता है
जब तेरी जुल्फे मेरे चेहरे से यूँ सरकता है
स्वतः आँखे बंद हो जाती हैं
दिल को ठंडक सी लग जाती हैं
मानो जैसे कोई बर्फ का टुकड़ा हो
जब तेरी हाथ मेरे सीने को आती है
जब तेरी आँखे, मेरे आखो से टकराती है
दिल की धड़कन वही थम जाती है
न सूरज दिखता है न चाँद दिखता है
बस तेरी ही प्यार का आश्मान दिखता है.
अगर मैं कोई फूल हूँ
तो, उस फूल की रंग हो तुम
अगर तुम कोई फूल हो
तो, भौरा हूँ मैं,
जब तेरी अवाज न कानो को आती है
दिल की बेचैनिया बढ़ जाती है
तड़पने लगता है दिल मेरा
जैसे बिन पानी की कोई
मछली तड़पती है
मैं नहीँ जनता की
इस जिंदगी का अंत कहाँ है
कब चाँद ढल जाएगा
और सूरज निकल जाएगा
इस जुदाई का मीठा सा दर्द
कोई धरती और आशमान से
समझ सकता है
अपनी आँखे नम न करना
दिल की धड़कन कम न करना
बस अपनी होठो पे
प्यारी सी मुस्कान भर के
चाँद को देख मेरे नाम कर देना
दिल चाहता है पानी बनकर
मैं तेरी आँखों में बस जाऊ
दिल चाहता है अवाज बनकर
मैं तेरी सुरों में गूँज जाऊ,
कभी दिल चाहता है सूरज बनकर
मैं तेरी बदल सी, काली जुल्फो में खो जाऊ
अतिम सुकून मिलता है
जब तेरी जुल्फे मेरे चेहरे से यूँ सरकता है
स्वतः आँखे बंद हो जाती हैं
दिल को ठंडक सी लग जाती हैं
मानो जैसे कोई बर्फ का टुकड़ा हो
जब तेरी हाथ मेरे सीने को आती है
जब तेरी आँखे, मेरे आखो से टकराती है
दिल की धड़कन वही थम जाती है
न सूरज दिखता है न चाँद दिखता है
बस तेरी ही प्यार का आश्मान दिखता है.
अगर मैं कोई फूल हूँ
तो, उस फूल की रंग हो तुम
अगर तुम कोई फूल हो
तो, भौरा हूँ मैं,
जब तेरी अवाज न कानो को आती है
दिल की बेचैनिया बढ़ जाती है
तड़पने लगता है दिल मेरा
जैसे बिन पानी की कोई
मछली तड़पती है
मैं नहीँ जनता की
इस जिंदगी का अंत कहाँ है
कब चाँद ढल जाएगा
और सूरज निकल जाएगा
इस जुदाई का मीठा सा दर्द
कोई धरती और आशमान से
समझ सकता है
अपनी आँखे नम न करना
दिल की धड़कन कम न करना
बस अपनी होठो पे
प्यारी सी मुस्कान भर के
चाँद को देख मेरे नाम कर देना
Poem on dil in hindi
Reviewed by Hindienglishpoetry
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1:08 AM
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