mai to ek dil hu latest very lovely romantic poem for you
मैं तो एक दिल हूँ
मैं तो एक दिल हूँ
इस दिल को क्यों कुछ होता हैं
जब बहती हैं वसंत हवाए
तो दर्द सा क्यों जगता हैं
आँखो से ये आँखे मिली
दिल से दिल कि बात हुई
स्वपनों से ही स्वपनों का
एक मिठी मुलाकात हुई
यादों कि वह गम स्याही
दिल पर क्यों छाई हैं
न जाने ये चाहत कि दरिया
कब मुझमें समायी हैं
रोज़ मेरे ख्वाबों में आकर
नींदों को चुराती हैं
हाथ की उन चूड़ियों कि
खनक देकर जाती हैं
जब भी मैं उससे मिलना चाहूं
सामने न आती हैं
चाँद सी चेहरा हैं उसकी
सितारे सी बिंदियां माथे की
सूरज की पहली किरण सी
होठों की मुस्कान हैं
रोज मेरे ख्वाबों आकर
नींदों को चुराती हैं
झील सी उसकी आँखो में
डूब जाने को जी करता हैं
बादल सी बिखरी जूल्फो में
खो जाने को जी करता हैं
मैं तो एक दिल हूँ
इस दिल को क्यों कूछ होता हैं
जब बहती हैं वसंत हवाए
तो दर्द सा क्यों जगता हैं
मैं तो एक दिल हूँ
इस दिल को क्यों कुछ होता हैं
जब बहती हैं वसंत हवाए
तो दर्द सा क्यों जगता हैं
आँखो से ये आँखे मिली
दिल से दिल कि बात हुई
स्वपनों से ही स्वपनों का
एक मिठी मुलाकात हुई
यादों कि वह गम स्याही
दिल पर क्यों छाई हैं
न जाने ये चाहत कि दरिया
कब मुझमें समायी हैं
रोज़ मेरे ख्वाबों में आकर
नींदों को चुराती हैं
हाथ की उन चूड़ियों कि
खनक देकर जाती हैं
जब भी मैं उससे मिलना चाहूं
सामने न आती हैं
चाँद सी चेहरा हैं उसकी
सितारे सी बिंदियां माथे की
सूरज की पहली किरण सी
होठों की मुस्कान हैं
रोज मेरे ख्वाबों आकर
नींदों को चुराती हैं
झील सी उसकी आँखो में
डूब जाने को जी करता हैं
बादल सी बिखरी जूल्फो में
खो जाने को जी करता हैं
मैं तो एक दिल हूँ
इस दिल को क्यों कूछ होता हैं
जब बहती हैं वसंत हवाए
तो दर्द सा क्यों जगता हैं
![]() |
This picture is related to romantic poem |
mai to ek dil hu latest very lovely romantic poem for you
Reviewed by Hindienglishpoetry
on
10:37 AM
Rating:

No comments:
thanks for visiting blog